सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं मिलेगी प्रॉपर्टी की मालिकी! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला Property Dispute

By Prerna Gupta

Published On:

Property Dispute

Property Dispute – अगर आप भी सोचते हैं कि रजिस्ट्री करवा लेने से प्रॉपर्टी आपकी हो जाती है, तो अब ज़रा सावधान हो जाइए। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जो प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री की पूरी प्रक्रिया को हिला कर रख देगा। अब केवल रजिस्ट्री के आधार पर किसी संपत्ति पर दावा नहीं किया जा सकेगा। मतलब ये कि अब प्रॉपर्टी खरीदने के बाद आपके पास बाकी जरूरी दस्तावेज भी होने चाहिए, नहीं तो कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि संपत्ति का असली मालिक वही माना जाएगा जिसके पास सारे वैध कागजात होंगे, सिर्फ रजिस्ट्री होना काफी नहीं है। इस फैसले का मतलब यह है कि अब आपको मालिकाना हक साबित करने के लिए बाकी जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे सेल डीड, टैक्स रसीद, एनओसी और पजेशन लेटर जैसे कागज भी दिखाने होंगे।

रजिस्ट्री के साथ अब और भी कागज़ जरूरी

अब तक लोग रजिस्ट्री को ही सबसे बड़ा सबूत मानते थे, लेकिन अब कोर्ट ने इसे अधूरा करार दिया है। अब अगर आपने प्रॉपर्टी ली है तो ये दस्तावेज साथ में होने जरूरी हैं:

यह भी पढ़े:
EPS-95 Pension EPS-95 पेंशनर्स को बड़ी राहत! पेंशन में होगा सीधा इजाफा – जानें पूरा अपडेट EPS-95 Pension
  • प्रॉपर्टी का सेल डीड
  • म्युनिसिपल टैक्स की रसीदें
  • पजेशन लेटर
  • बिजली और पानी के बिल
  • एनओसी और एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट

क्या बदलेगा इस फैसले से?

इस फैसले का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो बिना पूरी जांच पड़ताल किए संपत्ति खरीद लेते हैं। इससे आगे प्रॉपर्टी फ्रॉड के केस कम होंगे, और कानूनी विवादों में भी गिरावट आ सकती है। कोर्ट की मंशा है कि लोग सिर्फ दिखावे के कागज़ों पर भरोसा ना करें, बल्कि हर पहलू की जांच कर के ही संपत्ति खरीदें।

विवादों में आएगी कमी

भारत में संपत्ति विवाद बहुत आम हैं। एक ही ज़मीन पर कई बार दो लोग दावा कर देते हैं। लेकिन अब अगर आपके पास सारे दस्तावेज नहीं होंगे तो अदालत में आपका केस टिकना मुश्किल हो जाएगा। इस नए नियम से झूठे दावों पर लगाम लगेगी और असली मालिक को ही इंसाफ मिलेगा।

कैसे बचें प्रॉपर्टी विवादों से?

अगर आप कोई ज़मीन या फ्लैट खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें:

यह भी पढ़े:
Cheque Bounce Rule चेक बाउंस किया तो भुगतनी होगी भारी सजा – सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला Cheque Bounce Rule
  1. सभी दस्तावेजों की जांच करें – सिर्फ रजिस्ट्री से काम नहीं चलेगा, बाकी कागज़ भी साथ में देखें
  2. कानूनी सलाह जरूर लें – कोई भी डील साइन करने से पहले किसी अच्छे वकील से सलाह लें
  3. प्रॉपर्टी की पृष्ठभूमि जांचें – पहले मालिक कौन था, कहीं केस तो नहीं चल रहा
  4. बैंक लोन से खरीद रहे हैं तो बैंक की जांच रिपोर्ट को भी गंभीरता से पढ़ें

रियल एस्टेट सेक्टर में बदलाव

अब बिल्डर्स और रियल एस्टेट एजेंट्स को भी खरीदारों को सही जानकारी देनी पड़ेगी। पहले सिर्फ रजिस्ट्री दिखाकर काम चला लिया जाता था, अब बाकी दस्तावेजों की वैधता भी साबित करनी होगी। इससे रियल एस्टेट इंडस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों का भरोसा भी।

हर दस्तावेज जरूरी क्यों है?

कई बार लोग सोचते हैं कि रजिस्ट्री ही सब कुछ है, लेकिन अब कोर्ट ने साफ कर दिया है कि असली हकदार वही होगा जिसके पास हर जरूरी पेपर होगा। मसलन, आपने रजिस्ट्री करवा ली लेकिन एनओसी नहीं है, या बिजली-पानी के बिल आपके नाम पर नहीं हैं, तो आपकी दावेदारी कमजोर हो जाएगी।

फैसले का व्यापक असर

इस फैसले का असर सिर्फ आम जनता पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर पड़ेगा। सरकारी अफसर, वकील, बिल्डर, एजेंट – सबको अपनी प्रक्रिया दुरुस्त करनी होगी। अब अदालतें सिर्फ रजिस्ट्री देखकर फैसला नहीं सुनाएंगी, बल्कि बाकी सबूत भी मांगे जाएँगे।

यह भी पढ़े:
Post Office Savings Scheme पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में ₹5 लाख लगाकर कमाएं ₹2.25 लाख का तगड़ा ब्याज Post Office Savings Scheme

अगर आप भी संपत्ति खरीदने या बेचने का प्लान बना रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए अलार्म बेल की तरह है। सिर्फ रजिस्ट्री करवा लेना अब काफी नहीं है। पूरे कागज़ तैयार रखें, हर दस्तावेज की वैधता जांचें और कानूनी सलाह जरूर लें। याद रखें – थोड़ी सी सावधानी आपको बड़े विवाद से बचा सकती है।

Leave a Comment

Join Whatsapp Group