Gold Rate Today – अभी सोने के दामों को लेकर बाजार में थोड़ी उलझन सी बनी हुई है। जून महीने की शुरुआत में जहां सोने की कीमतें तेजी से बढ़ीं, वहीं अब गिरावट भी देखने को मिली है और कीमतें एक सीमित दायरे में ही टिक गई हैं। साल की शुरुआत में जो तेजी थी, अब वह कुछ धीमी पड़ती नजर आ रही है। इस वजह से कई लोग सोच में पड़ गए हैं कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतें किस तरफ जाएंगी।
चलो, इस बात को थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि आने वाले 90 दिनों में सोने के दाम क्या होने वाले हैं और कब खरीदना सही रहेगा।
साल भर की कीमतों का पूरा हाल
इस साल की शुरुआत में 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 76 हजार रुपये के आसपास थी, जो कि काफी स्थिर स्तर माना जा रहा था। लेकिन अप्रैल के महीने में जब सोने की कीमत ने एक बड़ा उछाल मारा और जीएसटी समेत कीमत 1 लाख रुपये के पार चली गई, तो लोगों के बीच उत्साह भी बढ़ गया। बिना जीएसटी के सोने का दाम करीब 99,100 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
अब फिलहाल 24 कैरेट सोना 98,000 रुपये के आसपास और 22 कैरेट सोना 89,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास कारोबार कर रहा है। शहरों के हिसाब से ये कीमतें थोड़ा-बहुत बदलती रहती हैं।
सोने की मांग क्यों बढ़ रही है?
सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे सबसे बड़ा कारण है इसकी लगातार बढ़ती मांग। ज्यादातर निवेशक आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं। आज के समय में जब राजनीतिक हलचलें और वैश्विक आर्थिक संकट बढ़ रहे हैं, तो निवेशक अपना पैसा सुरक्षित जगह पर लगाना चाहते हैं। सोना हमेशा से मुश्किल वक्त में भरोसेमंद विकल्प रहा है।
इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं। लोग शादी-ब्याह, त्योहारी सीजन और निवेश के लिए सोने की तरफ ज्यादा आकर्षित होंगे।
तकनीकी नजरिया और सपोर्ट लेवल
तकनीकी विश्लेषण में बताया जाता है कि सोने का सपोर्ट लेवल 95,000 से 94,600 रुपये और 95,800 से 96,160 रुपये के बीच बना हुआ है। ये ऐसे स्तर हैं जहां कीमतें ज्यादा नीचे गिरने की संभावना कम होती है।
चांदी के मामले में भी सपोर्ट लेवल 96,600 से 97,100 रुपये के बीच और ऊपर के स्तर पर 98,300 से 99,100 रुपये के बीच माना जा रहा है। इसलिए जो निवेशक चांदी में निवेश करना चाहते हैं, वे 96,800 से 97,200 रुपये के बीच खरीद सकते हैं।
प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें
देश के अलग-अलग शहरों में सोने की कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं क्योंकि टैक्स, मेकिंग चार्ज और स्थानीय मांग में फर्क होता है।
- दिल्ली में 22 कैरेट सोना लगभग 89,650 रुपये और 24 कैरेट सोना 97,790 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
- मुंबई में 22 कैरेट सोना 89,500 रुपये और 24 कैरेट सोना 97,640 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
ऐसे ही अन्य शहरों में भी थोड़ा अंतर रहता है, जोकि आम बात है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार का असर
सोने की कीमतों पर अमेरिका की नीतियां और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम काफी असर डालते हैं। हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के टैरिफ फैसले और डॉलर की मजबूती ने सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव लाया है।
डॉलर इंडेक्स के 99.44 के स्तर पर बने रहने से बुलियन मार्केट को थोड़ा समर्थन मिला है। साथ ही, अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़ों ने भी बाजार की दिशा तय करने में भूमिका निभाई है। ये सारे कारक मिलकर सोने के दामों को अस्थिर करते रहते हैं। इसलिए निवेशकों को सजग रहना जरूरी है।
अगले 90 दिनों का अनुमान
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले तीन महीने यानी 90 दिनों के अंदर सोने की कीमतें फिर से तेज रफ्तार पकड़ सकती हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि 10 ग्राम सोने का दाम एक लाख रुपये को पार कर सकता है। कुछ विशेषज्ञ तो मानते हैं कि यह दाम 1,03,000 रुपये तक भी पहुंच सकता है।
यह भविष्यवाणी मौजूदा बाजार की स्थिति, वैश्विक घटनाओं और निवेशकों की बढ़ती रुचि को ध्यान में रखकर की गई है। लेकिन ध्यान रहे कि यह सिर्फ एक अनुमान है और कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं।
साल के अंत तक की उम्मीदें
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार इस साल के अंत तक 10 ग्राम सोने की कीमत 1,10,000 रुपये तक पहुंच सकती है। यह निवेशकों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि अगर आपने सही समय पर सोना खरीदा तो आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि जो लोग सोने में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, वे 85,000 रुपये के आसपास खरीदारी कर सकते हैं। इससे बाजार की अस्थिरता का जोखिम कम होता है और बेहतर मुनाफा मिलने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
अंत में क्या करें?
आज के दौर में सोना खरीदना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है, लेकिन इसे ध्यान से करना जरूरी है। बाजार के उतार-चढ़ाव को समझना, विशेषज्ञों की सलाह लेना और धैर्य रखना बहुत जरूरी है।
सोना केवल आभूषण या निवेश का साधन नहीं बल्कि आर्थिक सुरक्षा का भी माध्यम है। इसलिए निवेश से पहले पूरी जानकारी और बाजार की चाल को समझना जरूरी होता है।