Gold Rate – साल 2025 की शुरुआत से ही सोने की चमक लगातार बढ़ती जा रही है। सोना इस वक्त निवेशकों का सबसे पसंदीदा ऑप्शन बन चुका है क्योंकि इसने बहुत ही शानदार रिटर्न दिया है। अब तक लगभग 35 फीसदी का मुनाफा देने वाला सोना न सिर्फ लोगों की जेब में बल्कि उनकी सोच में भी जगह बना चुका है। अप्रैल 2025 में तो सोना एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया था, जिसने मार्केट में हलचल मचा दी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस समय सोना करीब 3500 डॉलर प्रति औंस के आस-पास ट्रेड कर रहा है। घरेलू बाजार में 24 कैरेट सोना 99300 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना लगभग 90900 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है। ये उछाल सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में देखा जा रहा है। इसके पीछे कई वजहें हैं – वैश्विक अनिश्चितता, देशों के बीच तनाव, और महंगाई का डर।
क्या है इस तेजी के पीछे का असली कारण?
असल में सोने की कीमतें तब बढ़ती हैं जब दुनिया भर में माहौल थोड़ा डगमग हो जाता है। जैसे अमेरिका और चीन के बीच चल रही खींचतान, रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट की टेंशन। इन सब बातों से लोगों को लगता है कि पैसा कहीं और न लगाकर सोने में लगाया जाए, क्योंकि वो सबसे सुरक्षित विकल्प होता है। यही वजह है कि निवेशक भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं और सेंट्रल बैंक भी जमकर सोने की खरीदारी कर रहे हैं।
अगर ये टेंशन ऐसे ही चलता रहा तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमत 4500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। और अगर ऐसा हुआ तो भारत में सोना सीधे 1 लाख 40 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
त्योहारी सीजन में क्या होगा हाल?
दिवाली, धनतेरस और शादियों का सीजन आते ही सोने की डिमांड तेजी से बढ़ती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। मार्केट के जानकार मानते हैं कि 2025 के आखिर तक सोने का रेट औसतन 3675 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है और भारत में यह 1 लाख 13 हजार 500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
अगर डिमांड ज्यादा हो गई, तो रेट 1 लाख 15 हजार के पार भी जा सकता है। अभी अनुमान है कि साल के आखिरी तीन महीनों में गोल्ड की डिमांड करीब 710 टन तक हो सकती है। और इस डिमांड का सीधा असर इसके दाम पर दिखेगा। ऐसे में ज्वेलर्स और निवेशक दोनों के लिए यह सीजन फायदेमंद रहने वाला है।
2026 में सोना कितनी ऊंचाई पर पहुंचेगा?
मार्च 2026 के बाद बाजार में एक और उछाल देखने को मिल सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, तब तक सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत 4000 डॉलर प्रति औंस को पार कर सकती है। इस हिसाब से भारत में 10 ग्राम सोने का दाम करीब 1 लाख 23 हजार रुपये हो सकता है।
इस तेजी का सीधा संबंध वैश्विक आर्थिक हालात, सेंट्रल बैंकों की नीतियों और जियोपॉलिटिकल टेंशन से होगा। अगर हालात सामान्य नहीं हुए तो सोने में निवेश करने वालों को और मुनाफा हो सकता है।
चांदी का क्या होगा?
अब बात करते हैं चांदी की। फिलहाल चांदी की कीमतों में थोड़ी नरमी देखने को मिल सकती है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल खत्म होते-होते इसमें भी तेजी आ सकती है। घरेलू बाजार में चांदी 1 लाख 10 हजार रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। इंटरनेशनल लेवल पर इसका भाव 39 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
चांदी की डिमांड बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण है – टेक्नोलॉजी। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोलर पैनल और इंडस्ट्रियल जरूरतों के लिए चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है। इससे निवेशक इसमें भी रुचि दिखा सकते हैं।
2028 में क्या होगी तस्वीर?
अब सबसे बड़ा सवाल – 2028 तक क्या होगा? रिपोर्ट्स का कहना है कि तब तक सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2028 में सोना 65 हजार 500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक भी आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह उन लोगों के लिए सुनहरा मौका होगा जो कम कीमत पर खरीदारी करना चाहते हैं।
इस गिरावट के पीछे कारण हो सकते हैं – वैश्विक तनाव का खत्म होना, सेंट्रल बैंकों की खरीदारी में कमी और डिमांड में गिरावट। लेकिन यह सब सिर्फ अंदाजे हैं। असली तस्वीर कई फैक्टर्स पर डिपेंड करेगी।
निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप सोने या चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सबसे जरूरी है कि सही समय और कीमत का आकलन करें। निवेश करते समय सिर्फ बाजार भाव ही नहीं, बल्कि ग्लोबल हालात, सेंट्रल बैंक की नीति और त्योहारों की मांग को भी ध्यान में रखें।