Good News For Bank Customers – अगर आपका पैसा बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट या रिकरिंग डिपॉजिट में लगा हुआ है और आप सोचते हैं कि हर साल TDS कटने से आपकी कमाई पर असर पड़ता है, तो अब आपको खुश हो जाना चाहिए। दरअसल, 15 जून 2025 से टैक्स नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है जिससे आपकी जेब में ज्यादा पैसा बचेगा। सरकार ने TDS की लिमिट बढ़ा दी है ताकि आम जनता को राहत मिल सके। खासकर वरिष्ठ नागरिकों को इसका सीधा फायदा मिलने वाला है।
क्या है TDS का ये नया नियम?
बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि अब FD और RD पर मिलने वाले ब्याज पर TDS की सीमा बढ़ा दी जाएगी। पहले तक, अगर सालाना ब्याज एक तय सीमा से ऊपर चला जाता था, तो बैंक उस पर टैक्स काट लेता था यानी TDS लागू हो जाता था। अब उस सीमा को बढ़ा दिया गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए दोगुनी राहत
अगर आप 60 साल या उससे अधिक उम्र के हैं, तो आपके लिए यह बहुत अच्छी खबर है। पहले बैंक FD या RD पर सालाना ब्याज अगर 50,000 रुपये से ज्यादा होता था, तो TDS कटता था। लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। मतलब अगर आपकी सालाना ब्याज आय 1 लाख रुपये तक है, तो बैंक कोई टैक्स नहीं काटेगा।
इससे वरिष्ठ नागरिकों को फायदा ये होगा कि वो अपनी बचत पर ज्यादा ब्याज कमा सकेंगे और टैक्स में कटौती भी नहीं होगी। रिटायर्ड लोगों के लिए ये बहुत राहत की बात है क्योंकि उनकी इनकम सीमित होती है और हर पैसा मायने रखता है।
सामान्य खाताधारकों को भी फायदा
अब बात करते हैं उन लोगों की जो 60 साल से कम उम्र के हैं। इनके लिए भी TDS की लिमिट पहले 40,000 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। यानी अब FD या RD से सालाना 50 हजार तक ब्याज कमाने पर कोई TDS नहीं कटेगा। ये बदलाव मध्यम वर्ग के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
फॉर्म 15G और 15H से बच सकते हैं TDS से
अगर आपकी कुल सालाना आय टैक्स की सीमा से कम है, यानी आपको कोई टैक्स नहीं देना है, तो आप फॉर्म 15G या 15H भरकर बैंक में जमा कर सकते हैं। फॉर्म 15G उन लोगों के लिए होता है जो 60 साल से कम उम्र के हैं, जबकि 15H वरिष्ठ नागरिकों के लिए होता है।
इन फॉर्म्स को भरकर बैंक को देने से आप ये बताते हैं कि आपकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती, इसलिए बैंक आपका TDS न काटे। लेकिन एक बात का ध्यान रखें – जो भी ब्याज आपने कमाया है, उसे इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर दिखाएं वरना बाद में दिक्कत हो सकती है।
बैंकों को दिए गए सख्त निर्देश
सरकार और RBI ने सभी बैंकों को यह निर्देश दिया है कि वे नए नियमों का पूरी तरह पालन करें। साथ ही, ग्राहकों को ब्याज और TDS से जुड़ी पूरी जानकारी देना भी अनिवार्य किया गया है। अगर आपने अपना PAN बैंक के साथ लिंक नहीं किया है, तो TDS की दर 20 प्रतिशत हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि आपका PAN आपके बैंक अकाउंट से लिंक हो।
आप अपनी TDS की जानकारी इनकम टैक्स की वेबसाइट पर फॉर्म 26AS के ज़रिए भी देख सकते हैं, जिसमें आपके PAN से जुड़ा सारा टैक्स डेटा होता है।
अन्य बदलाव भी लागू
सिर्फ FD या RD ही नहीं, अब म्यूचुअल फंड और डिविडेंड से मिलने वाली इनकम पर भी TDS की लिमिट बढ़ाई गई है। पहले 5,000 रुपये तक के लाभ पर कोई TDS नहीं लगता था, अब यह सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, लॉटरी या गेमिंग में जीती रकम पर TDS तभी कटेगा जब जीत एक बार में 10 हजार रुपये से ज्यादा की हो।
क्या करें आप?
अगर आप भी इन नए नियमों का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपना PAN बैंक से लिंक करवा लें। इसके बाद अगर आपकी आय टैक्स के दायरे से बाहर है तो फॉर्म 15G या 15H जमा करें। इसके अलावा, साल भर में जितना भी ब्याज आपको मिला है, उसे ध्यान से इनकम टैक्स रिटर्न में दर्ज करें।
इससे आपको किसी तरह की कानूनी परेशानी नहीं होगी और टैक्स का लाभ भी मिलेगा।
15 जून 2025 से लागू ये नया नियम वाकई में आम लोगों के लिए एक राहत भरा कदम है। इससे न सिर्फ उनकी जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, बल्कि फिजूल की टैक्स कटौती से भी छुटकारा मिलेगा। खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये बदलाव बहुत उपयोगी है।
अगर आप भी अपनी सेविंग को लेकर सतर्क रहते हैं और हर ब्याज पर नज़र रखते हैं, तो अब थोड़ा सुकून जरूर मिलेगा। सही जानकारी, समय पर फॉर्म भरना और बैंक से अपडेट रहना ही आपकी बचत को मजबूत बनाएगा।