Gratuity Rules – अगर आप कहीं नौकरी कर रहे हैं और सोचते हैं कि ग्रेच्युटी पाने के लिए 5 साल तक एक ही कंपनी में काम करना जरूरी है, तो अब थोड़ा रुकिए। सरकार की तरफ से आए नए नियम ने इस सोच को थोड़ा बदल दिया है। अब 5 साल से पहले भी कुछ खास शर्तों के आधार पर आपको ग्रेच्युटी मिल सकती है। तो चलिए आपको आसान और समझने वाली भाषा में बताते हैं कि ग्रेच्युटी के नए नियम क्या हैं और इसका फायदा किन कर्मचारियों को मिलेगा।
पहले क्या था नियम?
सबसे पहले पुराने नियम को समझते हैं। पहले अगर आपने किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक नौकरी की है, तभी आप ग्रेच्युटी के हकदार माने जाते थे। इसका मतलब अगर आपने 4 साल 11 महीने भी काम किया और एक दिन भी कम पड़ गया, तो आपको ग्रेच्युटी नहीं मिलती थी। बहुत से कर्मचारी इसी डर से कंपनी नहीं छोड़ते थे, भले ही दूसरी जगह से बेहतर ऑफर मिल रहा हो।
अब क्या बदला है?
अब नए नियम के मुताबिक अगर आपने किसी कंपनी में लगातार 4 साल और 240 दिन काम कर लिया है, तो आपको ग्रेच्युटी मिल सकती है। यानी अब 5 साल पूरे होने का इंतजार जरूरी नहीं है। ये बदलाव खासकर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है जो किसी कारण से 5 साल की नौकरी पूरी नहीं कर पाते, लेकिन 4 साल से ज्यादा वक्त वहां दे चुके हैं।
240 दिन की गिनती कैसे होती है?
यह सवाल सबसे ज्यादा पूछा जाता है कि ये 240 दिन आखिर गिनते कैसे हैं। दरअसल, यह गिनती 5वें साल के काम के दिनों पर आधारित है। यानी अगर आपने लगातार 4 साल काम किया और 5वें साल में कम से कम 8 महीने (करीब 240 दिन) भी कंपनी में काम किया है, तो आपको ग्रेच्युटी का हक मिल सकता है।
इस नियम की पुष्टि कुछ कोर्ट के फैसलों से भी होती है, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी पांचवें साल में भी काम कर रहा हो और उसने 240 दिन पूरे कर लिए हों, तो उसे ग्रेच्युटी से वंचित नहीं किया जा सकता।
कोर्ट के फैसले से मिला सहारा
कुछ मामलों में कोर्ट ने भी कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया है। खासतौर पर मद्रास हाईकोर्ट और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई कर्मचारी 4 साल और 240 दिन तक सेवा दे चुका है, तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलना चाहिए। इस तरह के फैसले अब देशभर में मिसाल बनते जा रहे हैं और कंपनियों पर भी इसका असर पड़ रहा है।
किन्हें मिलेगा फायदा?
- जो कर्मचारी कंपनी छोड़ना चाहते हैं लेकिन 5 साल पूरे होने का इंतजार कर रहे थे
- जो लोग नौकरी बदलने की सोच रहे हैं लेकिन ग्रेच्युटी के चलते रुक गए थे
- जिनका ट्रांसफर, कंपनी बंद या अन्य कारणों से सेवा बीच में खत्म हो गई है
- कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करने वाले जिनकी नौकरी नियमित नहीं होती, लेकिन उन्होंने लगातार सेवा दी है
ध्यान देने वाली बातें
- आपकी नौकरी नियमित होनी चाहिए यानी आप कॉन्ट्रैक्ट या अस्थायी कर्मचारी नहीं होने चाहिए, या अगर हैं, तो लगातार काम किया हो
- 240 दिन की गिनती में छुट्टियों को भी शामिल किया जाता है, जैसे साप्ताहिक छुट्टी, मेडिकल लीव आदि
- नौकरी के दौरान किसी भी कारण से 240 दिन से कम समय काम किया गया हो तो ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी
- अगर कंपनी ने कोई नियम अलग से तय किया हो, तो वो नियम कोर्ट के आदेश के खिलाफ नहीं हो सकते
ग्रेच्युटी का फायदा कैसे मिलता है?
ग्रेच्युटी एक तरह का रिटायरमेंट बेनिफिट है, जो कंपनी आपको आपकी सेवा के बदले देती है। इसका कैलकुलेशन इस फॉर्मूले पर होता है:
(पिछले लिए गए वेतन का 15 दिन का औसत × काम के सालों की संख्या)
यह रकम टैक्स फ्री होती है अगर वह तय सीमा के अंदर हो, और ये कर्मचारियों के लिए एक तरह की आर्थिक राहत होती है जब वे नौकरी छोड़ते हैं या रिटायर होते हैं।
अब ये साफ हो चुका है कि ग्रेच्युटी पाने के लिए 5 साल तक एक ही नौकरी में चिपके रहने की मजबूरी नहीं है। अगर आपने 4 साल और 240 दिन काम कर लिया है, तो आप पूरी तरह से इसके हकदार हो सकते हैं। हालांकि, हर केस में परिस्थिति अलग होती है, इसलिए अगर आपके मामले में कोई उलझन हो, तो HR विभाग से बात करें या किसी कानूनी सलाहकार से संपर्क करें।